fiza Tanvi

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लेखनी कहानी -30-Jan-2022 खुदाया

खुदाया..
खुदा तेरे आगे हाथ फैलाती हु.
जो लिख दिया हैं.
तू ने नसीब मे, चल उसी मै ख़ुश हो जाती हु.
है खुशियाँ हर तरफ 
फिर भी उदास हु.
ज़िन्दगी हैं अनमोल फिर भी.
मौत को गले लगती हु...

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1 Comments

Swati chourasia

30-Jan-2022 06:48 PM

Very nice 👌

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